अब तक सुप्रीम कोर्ट के 10 जज कोरोना के शिकार
कोरोना महामारी के संक्रमण ने सुप्रीम कोर्ट के कामकाज को काफी प्रभावित कर दिया है

नई दिल्ली: भारत में कोरोना का कहर दिनोंदिन बढ़ता ही जा रहा है। आलम यह है कि कोरोना का वायरस अब भारत की सर्वोच्च अदालत सुप्रीम कोर्ट तक पहुंच गया है। मीडिया की रिपोर्ट्स के मुताबिक, भारत के सुप्रीम कोर्ट में कई कर्मचारी समेत 10 जज कोरोना पॉजिटिव पाए गए हैं। आधिकारिक सूत्रों के हवाले से मीडिया में आ रही खबरों के अनुसार, कोरोना महामारी के संक्रमण ने सुप्रीम कोर्ट के कामकाज को काफी प्रभावित कर दिया है। उन्होंने यह भी कहा कि सुप्रीम कोर्ट के कर्मचारियों के संक्रमित होने की दर 30 फीसदी के करीब पहुंच गई है। हल्के लक्षण वालों को होम आइसोलेशन में ही रखा गया है। चीफ जस्टिस पूरे मामले पर नजर बनाए हुए हैं।
मीडिया की रिपोर्ट्स के अनुसार, सुप्रीम कोर्ट में भारत के मुख्य न्यायाधीश सहित 32 जजों में से अब तक 10 जज कोरोना पॉजिटिव पाए गए हैं। टाइम्स ऑफ इंडिया ने सूत्रों के हवाले से खबर दी है कि सुप्रीम कोर्ट में दो संक्रमित जजों (जस्टिस के एम जोसेफ और पीएस नरसिम्हा) ने निगेटिव होने के बाद फिर से काम करना शुरू कर दिया है। फिलहाल, सुप्रीम कोर्ट के आठ जज कोरोना से संक्रमित हैं। उन्हें होम आइसोलेशन में रहने की सलाह दी गई है।
मीडिया की रिपोर्ट्स में बताया जा रहा है कि डॉ श्यामा गुप्ता के नेतृत्व में केंद्र सरकार की ओर से गठित मेडिकल एक टीम सुप्रीम कोर्ट के संक्रमित न्यायाधीशों और कर्मचारियों की चिकित्सा आवश्यकताओं की देखभाल के लिए लगभग चौबीसों घंटे काम कर रही है। हर दिन करीब 100-200 आरटी-पीसीआर जांच कर रही है। संक्रमण दर लगातार 30 फीसदी के आसपास है। आधिकारिक सूत्रों का कहना है कि सुप्रीम कोर्ट में लगभग 1500 कर्मचारियों में से अब तक 400 ने अब तक महामारी की तीसरी लहर में अपना टेस्ट कराया है।
रिपोर्ट्स के अनुसार, सुप्रीम कोर्ट में सीजीएचएस केंद्र में पांच डॉक्टरों में से तीन ने पॉजिटिव टेस्ट कराया है। उन्हें भी आइसोलेशन में रखा गया है। इससे डॉ श्यामा गुप्ता की टीम पर दबाव बढ़ गया है। पिछले 9 जनवरी को चार न्यायाधीशों ने अपना आरटी-पीसीआर टेस्ट कराया था। इसके बाद करीब एक हफ्ते के अंदर संक्रमित जजों की संख्या दोगुनी हो गई।
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