गंभीर सियासी संकट के बीच उद्धव ठाकरे ने सरकारी बंगला खाली किया
महाराष्ट्र की महाविकास अघाड़ी गठबंधन की सरकार बचेगी या जाएगी, आज तस्वीर साफ होने की संभावना

मुंबई: महाराष्ट्र की महाविकास अघाड़ी गठबंधन की सरकार का जाना तय माना जा रहा है। मुमकिन है कि आज तस्वीर साफ हो जाएगी, क्योंकि बीते कल की घटनाओं ने महाराष्ट्र के भविष्य का खाका खींच दिया है। इसी बीच स्थिति को भाँपते हुए मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने बुधवार की रात को ही सीएम हाउस 'वर्षा' खाली कर दिया और मातोश्री पहुंच चुके हैं। दैनिक भास्कर की खबर के अनुसार ये कदम उन्होंने तब उठाया, जब एकनाथ शिंदे ने स्पष्ट कह दिया कि शिवसेना का गठबंधन से बाहर आना बेहद जरूरी है, क्योंकि इसमें पार्टी खुद ही कमजोर हो रही है और राकांपा-कांग्रेस मजबूत।
उद्धव के इस कदम की दो अहम वजहें भी मानी जा रही हैं। पहली- शरद पवार की सलाह कि सीएम शिंदे को ही बना दो। दूसरी- शिंदे खेमे का लगातार मजबूत होना, जिनके गुवाहाटी स्थित गढ़ में बागी विधायकों की संख्या 39 पहुंच चुकी है। जैसा कि आपको पता है कि बुधवार की अलसुबह शिंदे बागी विधायकों के साथ गुवाहाटी के रेडिसन ब्लू होटल में आ जमे। इधर बुधवार को दिन में ही सियासी हलचल के बीच राउत का यह बयान आया कि यह स्थिति महाराष्ट्र विधानसभा भंग होने की ओर बढ़ रही है। हालांकि, दिनभर में उनके बयान कभी इस ओर तो कभी उस ओर होते रहे। शाम को बोले कि मुख्यमंत्री तो उद्धव ठाकरे ही रहेंगे। आपको बाता दें कि बड़े सियासी संकट के बीच उद्धव ने कैबिनेट की अहम बैठक बुलाई पर कोरोना के चलते वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए इससे जुड़े। इसके बाद शिवसेना ने पार्टी विधायकों को व्हिप जारी कर शाम 5 बजे सेना भवन में इकट्ठा होने का फरमान सुनाया। कहा- गैरमौजूदगी की स्थिति में एक्शन लिया जाएगा।
इधर शिवसेना का व्हिप जारी हुए 50 मिनट हुए होंगे, शिंदे ने एक और बम फोड़ा। व्हिप को अवैध बताते हुए चीफ व्हिप की पोस्ट पर अपने साथी भरत गोगावला को बैठा दिया। सीधा संकेत था कि सरकार के साथ उद्धव के सामने अपनी ही पार्टी शिवसेना का संकट भी खड़ा हो गया है। शिंदे ने सीधे-सीधे शिवसेना पर ही दावा ठोक दिया था।
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