आईएएस अधिकारी राम विलास यादव गिरफ्तार
निलंबितअधिकारी राम विलास यादव पर आरोप है उन्होंने आय से 500 फीसदी अधिक संपत्ति बनाई थी

नई दिल्ली:आईएएस अधिकारी राम विलास यादव को भ्रष्टाचार के आरोपों में बुधवार को देर रात विजिलेंस विभाग ने गिरफ्तार कर लिया। बता दें कि, उत्तराखंड सरकार ने राम विलास यादव को उन्हें आय से अधिक संपत्ति के मामले के चलते निलंबित कर दिया था। विजिलेंस अधिकारियों के मुताबिक, आईएएस अधिकारी को दिन भर की पूछताछ के बाद बीती देर रात में अरेस्ट कर लिया गया था। जनसत्ता की खबर के अनुसार निलंबित आईएएस अधिकारी राम विलास यादव पर आरोप है उन्होंने आय से 500 फीसदी अधिक संपत्ति बनाई थी। इस मामले में देर रात कार्रवाई के बाद उत्तराखंड के विजिलेंस विभाग के निदेशक अमित सिन्हा ने एएनआई को बताया था कि “आईएएस राम विलास यादव को आय से अधिक संपत्ति बनाने के आरोप में विजिलेंस विभाग ने पूछताछ की है।”
अमित सिन्हा ने आगे कहा कि उत्तराखंड के सीएम पुष्कर सिंह धामी ने भ्रष्टाचार के खिलाफ सख्त कार्रवाई के निर्देश दिए थे। जिसके बाद आईएएस राम विलास यादव को दिन भर की पूछताछ के बाद गिरफ्तार कर लिया गया। बताया जा रहा है कि राम विलास यादव इस पूछताछ में ठीक से सवालों का जवाब देने के बजाए अधिकारियों को उलझा रहे थे।
राम विलास यादव उत्तराखंड सरकार में समाज कल्याण विभाग में अपर सचिव पद पर तैनात थे।विजिलेंस डायरेक्टर अमित सिन्हा ने बताया कि दोपहर 12.45 बजे विजिलेंस ऑफिस पहुंचे थे। यहां पर राम विलास से पूछताछ की गई। पूछताछ के बाद उन्हें हिरासत में ले लिया गया।उत्तराखंड सरकार के कार्मिक एवं सतर्कता विभाग द्वारा यहां जारी एक आदेश में कहा गया है कि यादव के विरूद्ध यहां सतर्कता विभाग द्वारा दर्ज आय से अधिक संपत्ति अर्जित करने के मामले की जांच में उनके अपेक्षित सहयोग न करने तथा अखिल भारतीय सेवाओं की आचरण नियमावली के संगत प्रावधानों का उल्लंघन करने के लिए अनुशासनिक कार्यवाही प्रस्तावित है।
आदेश के अनुसार, ये आरोप इतने गंभीर है कि उनके सिद्ध होने की दशा में अधिकारी के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जा सकती है। फिलहाल आईएएस को तत्काल प्रभाव से निलंबित करते हुए उनके विरूद्ध अनुशासनिक कार्रवाई प्रारंभ करने की राज्यपाल ने स्वीकृति प्रदान कर दी है।
निलंबन की अवधि में यादव प्रदेश के कार्मिक एवं सतर्कता विभाग के सचिव के कार्यालय से संबद्ध रहेंगे। राम विलास यादव पहले उत्तर प्रदेश के लखनऊ विकास प्राधिकरण के सचिव रह चुके हैं। लखनऊ के ही एक व्यक्ति ने उनके खिलाफ आय से अधिक संपत्ति रखने की शिकायत दर्ज कराई थी जिसके आधार पर उत्तराखंड के सतर्कता विभाग ने जांच शुरू की थी।सूत्रों ने बताया कि सतर्कता विभाग की टीम ने उनके देहरादून, लखनऊ, गाजीपुर समेत कई ठिकानों पर छापा मारा जहां उनके पास कथित रूप से आय से 500 गुना अधिक संपत्ति होने का पता चला। इस आधार पर उनके खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया।
आपको बाता दें कि अपनी गिरफ्तारी से बचने के लिए राम विलास यादव ने उत्तराखंड हाई कोर्ट में याचिका दायर की थी । हालांकि, न्यायालय ने उन्हें इससे कोई राहत न देते हुए उन्हें सतर्कता के समक्ष बयान दर्ज कराने का आदेश दिया था। बुधवार को उन्हें तत्काल प्रभाव से गिरफ्तार कर लिया गया।
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