रुश्दी पर हमले के बाद तस्लीमा नसरीन का डर आया सामने
बांग्लादेश की निर्वासित लेखिका ने उन्होंने ट्वीट किया है कि ‘अगर उन पर हमला किया जा सकता है, तो इस्लाम की आलोचना करने वाले किसी भी व्यक्ति पर हमला किया जा सकता है’

नई दिल्ली: लेखक सलमान रुश्दी पर जानलेवा हमले के बाद बांग्लादेश की निर्वासित लेखिका तस्लीमा नसरीन ने टिप्पणी की है। उन्होंने ट्वीट किया है कि ‘अगर उन पर हमला किया जा सकता है, तो इस्लाम की आलोचना करने वाले किसी भी व्यक्ति पर हमला किया जा सकता है।’
ध्यान रहे कि तस्लीमा नसरीन को भी अपनी किताब के कारण 1994 में बांग्लादेश से भागना पड़ा था और फिर उन्होंने बाद में भारत में शरण ली।
तस्लीमा ने ट्वीट में लिखा, “मुझे पता चला कि सलमान रुश्दी पर न्यूयॉर्क में हमला हुआ है। मैं सचमुच स्तब्ध हूं। मैंने कभी नहीं सोचा था कि ऐसा भी होगा। वो पश्चिम में रह रहे थे और 1989 से उनको सुरक्षा मिली हुई थी। अगर उन पर हमला हो सकता है तो इस्लाम की आलोचना करने वाले किसी भी व्यक्ति पर हमला किया जा सकता है। मैं चिंतित हूं।”
ध्यान रहे कि तसलीमा नसरीन के ट्वीट के बाद कुछ लोगों की प्रतिक्रियाएं आ रही हैं। लोग कह रहे हैं कि आपके लिए भी हम लोग चिंतित है। कई यूजर्स ने लिखा है कि इस्लाम के खिलाफ लिखने या बोलने के वालों का यही हाल हो रहा है।
Ppl r saying let's see what ws the motive bhind the attack on Rushdie b4 making comment. Is it very hard to speculate tht an Islamist tried to kill him as he ws a target of Islamists?What wd they say if it comes out tht the attacker was an Islamist?'Oh no,he's not a true Muslim'?
— taslima nasreen (@taslimanasreen) August 12, 2022
24-year-old Iranian-American Hadi Matar attacked Rushdie. Hadi Matar's facebook account featured images of Ayatollah Khomeini, who issued a fatwa against Rusdhie in 1989, and his successor Ayatollah Khamenei. You can now guess the motive of the attack.
— taslima nasreen (@taslimanasreen) August 13, 2022
बता दें कि तसलीमा के खिलाफ फतवा जारी होने के बाद भारत समेत विभिन्न यूरोपीय देशों में निर्वासित जीवन बीता रही हैं। इससे पहले भी उन्हें कथित तौर पर जान से मारने की धमकी दी जा चुकी हैं, लेकिन अब जिस तरह से दिनदहाड़े सलमान रुशदी पर जानलेवा हमला किया गया है, उसके बाद तसलीमा का डर सामने या गया है, जिसे ट्वीट कर निर्वासित लेखिका ने अपनी बेचैनी या असुरक्षा की भावना जाहिर कर दी है।
आपको बाता दें कि 1990 के दशक की शुरुआत में तसलीमा अपने निबंधों और उपन्यासों के कारण विश्व का ध्यान अपनी ओर खींचा। अयोध्या में बाबरी मस्जिद की शहादत की घटना के बाद तसलीमा को 1993 में उपन्यास ‘लज्जा’ के प्रकाशन के बाद बांग्लादेश से निष्कासित कर दिया गया था। तसलीमा के कई और उपन्यास भी प्रकाशित हुए जिसमें लेखिका ने इस्लाम को लेकर ऐसी बातें लिखीं जिस से मुसलमानों का एक बड़ा वर्ग नाराज हो गया। लेखिका के खिलाफ बांग्लादेश में फतवा जारी कर दिया गया। वह तब के भारत के कोलकाता में निर्वासित जीवन बिता रही है। याद रहे कि तस्लीमा पर पूर्व में भी हमले का प्रयास हो चुका है, हालांकि यह गंभीर हमला नहीं था। अब ट्विटर के जरिए तस्लीम ने अपना डर जाहिर किया है। रूश्दी पर हमले के बाद उन्होंने प्रतिक्रिया जताते हुए इसे बेहद भयावह करार दिया है।
दूसरी खबरों एवं जानकारियों से अवगत होने के लिए इस वीडियो लिंक को क्लिक करना ना भूले
वेबसाइट पर advertisement के लिए काॅन्टेक्ट फाॅर्म भरें
अन्य वीडियो