डॉ मेराज हुसैन ने कांग्रेस की प्राथमिक सदस्यता से दिया इस्तीफ़ा, कहा अब कांग्रेस पार्टी अपनी विचारधारा से भटक चुकी
भरतपुर पहुंच जुनैद और नासिर के परिवार से मिलने के बाद डॉ मेराज हुसैन ने कांग्रेस की प्राथमिक सदस्यता से दिया इस्तीफ़ा कहा अब कांग्रेस पार्टी अपनी विचारधारा से भटक चुकी है।

राजस्थान से अपहरण कर हरियाणा के भिवानी में नासिर और जुनैद को जिंदा जला कर हत्या करने के मामले में कांग्रेस के नर्म रुख से नाराज़ कांग्रेस नेता डॉ. मेराज हुसैन ने राजस्थान के भरतपुर में पीड़ित परिवार से मुलाकात के बाद कांग्रेस की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफ़ा दे दिया। डॉ. मेराज हुसैन ने राष्ट्रीय अध्यक्ष खरगे को इस्तीफा भेजा है।
आपको बता दें कि राजस्थान के भरतपुर से नासिर और जुनैद का अपरहण कर हरियाणा में लेजा कर हत्या कर दी गई थी। साथ ही एक वाहन में दोनों की जली हुई लाश बरामद हुई। मामले के पीछे हरियाणा के कथित गौरक्षा के नाम पर संगठन चलाने वाले मोनू मानेसर का नाम सामने आ रहा है, जो अभी तक फ़रार है।
भरतपुर में पीड़ित परिवार से मुलकात करने पहुंचे डॉ. मेराज हुसैन ने कहा, "जुनैद और नासिर के परिवार से मुकालात हुई। वो बेहद घबराये हुए हैं। ये वक़्त है देश का प्रत्येक नागरिक पीड़ित परिवार के पक्ष में खड़ा रहे। वरना इंसाफ से सब का भरोसा उठ जाएगा।" राजस्थान सरकार को आड़े हाथों लेते हुए हुसैन ने कहा कि गहलोत सरकार जितनी तत्परता कन्हैया लाल के मामले में दिखाई, वो तत्परता नासिर-जुनैद के मामले में क्यों नज़र नहीं आती?
हुसैन आगे कहते हैं, "कांग्रेस के राहुल गांधी और प्रियंका हाथरस पहुंच जाते हैं, आगरा पहुंच जाते हैं लेकिन जब मुसलमानों की बात आती है तो सांप सूंघ जाता है। उन्होंने कांग्रेस के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल से सवाल करते हुए कहा, क्या जुनैद व नासिर भारत जोड़ो की परिकल्पना में शामिल नहीं हैं? क्या इसी तरह नफ़रत के बाजार में मोहब्बत की दुकान खोलेंगे? आपकी मोहब्बत की दुकान में क्या नासिर व जुनैद के लिए कोई जगह नहीं है? डॉ. हुसैन यहीं नहीं रुके। उन्होंने आगे कहा कि पता नहीं क्यों राहुल गांधी और प्रियंका वाड्रा की संवेदना मुसलमानों के लिए मर जाती है? क्या हमारी जान इतनी सस्ती है?"
उन्होंने कांग्रेस की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफ़ा देते हुए कहा, "अगर मुझे मेरे समाज की हत्या और नरसंहार पर चुप रहना है, तो मैं कांग्रेस में एक पल भी नहीं रुक सकता। मेरे नेता अहमद पटेल ने मुझे हमेशा अन्याय के खिलाफ आवाज़ उठाना सिखाया और मैं उनके आदर्शों को धोखा नहीं दे सकता। मैं आज पार्टी से सभी तरह के संबंध खत्म करता हूँ। उन्होंने कांग्रेस की कथनी व करनी में अंतर दर्शाते हुए कहा कि 'समाज में फैले इस नफरत के खिलाफ लड़ने के लिए कांग्रेस पैरों में बेड़ियां हैं, मैं इन बेड़ियों से आजाद हो गया।"
आपको बता दे डॉ. मेराज हुसैन भारत सरकार में फ़िल्म सेंसर बोर्ड के सदस्य रह चुके हैं। साथ ही उन्हें अहमद पटेल का खास माना जाता था। डॉ. हुसैन पिछले वर्ष उत्तराखंड विधानसभा चुनाव में AICC के पर्यवेक्षक थे। छात्र राजनीति से राजनीतिक जीवन की शुरुआत करने वाले डॉ. मेराज हुसैन NSUI और युथ कांग्रेस में विभिन्न पदों पर रहे। उन्होंने अहमद पटेल के सिपेहसालर तक का सफ़र तय किया।
कांग्रेस के बाद किसी दल में शामिल होने के सवाल पर हुसैन कहते हैं, "ये इस्तीफा किसी दल में शामिल होने के लिए नहीं बल्कि अन्याय के खिलाफ हैं। उन्होंने कहा कि मुस्लिमों पर अत्याचार के मामले में कांग्रेस भी भाजपा के साथ नज़र आती है। आगे क्या फैसला लेना है उसपर समाज के लोगों से बात करके तय करेंगे।
मंगलवार को डॉ. मेराज हुसैन के ऐलान पर कई प्रदेशों में सैकड़ों कार्यकर्ताओं ने कांग्रेस की सदस्यता से इस मुद्दे पर इस्तीफा दे दिया है।
आपको बता दें कि मुस्लिमों के अलावा अन्य जाति व धर्म से जुड़े लोगों पर अत्याचार के मामले में कांग्रेस जिस तरह कार्रवाई को अंजाम देती है। मुस्लिमों की हत्या होने पर भी कांग्रेस की सुस्ती नहीं टूटती। भरतपुर के जुनैद व नासिर हत्या मामले में हैदराबाद, गुजरात, उत्तर प्रदेश व दिल्ली से लोग सांत्वना देने पहुंचे, लेकिन कांग्रेस से स्थानीय विधायक एवं मंत्री जाहिदा खान के अलावा राज्य व राष्ट्रीय स्तर से कांग्रेस नेता नहीं पहुंचा। यही वजह है कि कांग्रेस पर परंपरागत मुस्लिम मतदाताओं की अनदेखी के आरोप लगते रहे हैं। ऐसे में आने वाले चुनावों में कांग्रेस के परम्परागत मुस्लिम मतदाताओं के खिसकने की आशंकाओं के साथ ही भाजपा की फायदा होने की बात कही जा रही है।
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