रमजान और होली से पहले लगा महंगाई का झटका, रसोई गैस सिलेंडर 50 रुपये हुआ महंगा
घरेलू एलपीजी सिलेंडर के दाम 50 रुपये बढ़ गए हैं. वहीं, कमर्शियल सिलेंडर के दाम में 350.50 रुपये का इजाफा किया गया है।

बढ़ती महंगाई के बीच रमजान और होली आने से ठीक पहले तेल कंपनियों ने रसोई और कमर्शियल गैस सिलेंडर के दाम बढ़ाकर उपभोक्ता को बड़ा झटका दिया है। तेल कंपनियों की ओर से बुधवार को जारी की गई एलपीजी गैस सिलेंडर की नई दर में घरेलू गैस सिलेंडर की कीमत में 50 रुपये का और कॉमर्शियल गैस सिलेंडर की कीमत में 350 रुपये बड़ा इजाफा किया गया है।
समाचार एजेंसी एएनआई के अनुसार , 14.2 किलोग्राम वाले रसोई गैस सिलेंडर के दाम 50 रुपये बढ़ गए हैं। वहीं, 19 किलोग्राम वाले कमर्शियल सिलेंडर के दाम में 350.50 रुपये का इजाफा किया गया है। दिल्ली में 19 किलोग्राम वाला कमर्शियल सिलेंडर अब 2119.50 रुपये का मिलेगा। जबकि घरेलू एलपीजी सिलेंडर 1103 रुपये का हो गया। बढ़े हुए दाम आज से ही लागू हो गए हैं।
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने घरेलू रसोई गैस सिलेंडर और कमर्शियल गैस सिलेंडर की कीमतों में बढ़ोतरी को लेकर केंद्र सरकार पर निशाना साधा है। उन्होंने सरकार से सवाल किया कि ‘लूट के फरमान' कब तक जारी रहेंगे? खरगे ने ट्वीट किया, "घरेलू रसोई गैस सिलेंडर के दाम 50 रुपये बढ़े, वाणिज्यिक गैस सिलेंडर 350 रुपये महंगे हुए। जनता पूछ रही है-अब कैसे बनेंगे होली के पकवान, कब तक जारी रहेंगे लूट के ये फरमान?"
आप को बता दे कि राजधानी दिल्ली में घरेलू रसोई गैस सिलेंडर का दाम अब 1103 रुपये पहुंच गया है। पहले यहां 1053 रुपये में सिलेंडर मिलता था। घरेलू सिलेंडर की कीमतों में करीब 8 महीने बाद बढ़ोतरी की गई है। इससे पहले 6 जुलाई, 2022 को घरेलू गैस सिलेंडर के दाम बढ़ाए गए थे। मुंबई में रसोई गैस सिलेंडर 1052.50 रुपये के बजाए अब 1102.5 रुपये में मिलेगा। कोलकाता में भी एलपीजी सिलेंडर 1079 रुपये से बढ़कर 1129 पहुंच गया है। वहीं, चेन्नई में 1068.50 रुपये की जगह 1118.5 रुपये में घरेलू गैस सिलेंडर बिक रहा है।
अगर एलपीजी सिलेंडर के खपत की बात की जाए तो सबसे ज्यादा इस्तेमाल रसोई में होता है। सरकारी तेल कंपनियों की रिपोर्ट के मुताबिक, 2021-22 में एलपीजी की 90 फीसदी खपत रसोई में हुई, जबकि 8 फीसदी इंडस्ट्रियल यूज रहा. इसके अलावा वाहनों में भी 2 फीसदी एलपीजी सिलेंडर का इस्तेमाल किया गया। सरकार उज्ज्वला योजना के तहत करीब 8 करोड़ लाभार्थियों को सालभर में 12 सिलेंडर सब्सिडी पर मुहैया कराती है।
गौरतलब है कि स्थानीय टैक्स की वजह से घरेलू रसोई गैस की कीमत एक राज्य से दूसरे राज्य में अलग होती हैं, क्योंकि राज्य सरकारें भी गैस सिलेंडर पर वैट लगाती है, जिसकी दरें अलग-अलग राज्य में अलग-अलग है। गैस सिलेंडर की कीमतों में ये इजाफा ऐसे वक्त में किया गया है, जब देश में रूस से सस्ता कच्चा तेल खरीदने का ढिंढोरा पीटा जा रहा है।
गैस सिलेंडर की कीमत में इजाफे के साथ ही तेल कंपनियों की ओर से कहा गया है कि चालू वित्त वर्ष की पहली छमाही में उपभोक्ताओं को दी जाने वाली एलपीजी सब्सिडी पूरे वित्त वर्ष 2017 में दी गई 12,133 करोड़ रुपये की तुलना में 7,500 करोड़ रुपये तक पहुंच गई थी। लिहाजा, सब्सिडी का बोझ कम करने के लिए गैस सिलेंडर की कीमत में वृद्धि करना जरूरी हो गया था.
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