तुर्की-सीरिया: भूकंप में अब तक 21 हज़ार लोगों की मौत लगातार जारी है राहत व बचाव काम

सोमवार को तुर्की और सीरिया में आए शक्तिशाली भूकंप में अब तक 21 हज़ार लोगों की मौत हो चुकी है। घायलों की संख्या 64 हजार के करीब हो गई है।

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10 फरवरी 2023 @ 11:59
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turki and siriya

तुर्किये और सीरिया में भूकंप से हालात बदतर होते जा रहे हैं। अब तक 21 हजार से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है। घायलों की संख्या 64 हजार के करीब हो गई है। तुर्किये में 14,351 लोगों की जान जा चुकी है और 35 हजार से ज्यादा लोगों के घायल होने की खबर है। वहीं, सीरिया में 3,162 लोग मारे गए और 4 हजार से ज्यादा जख्मी हैं। सीरिया में मारे गए लोगों को दफनाने के लिए सामूहिक कब्रें बनाई जा रही हैं।

भूकंप के चलते तुर्किये अंटाक्या, सनलिउरफा और सीरिया का अलेप्पो शहर पूरी तरह से बर्बाद हो चुके हैं। इन पानी और बिजली की सप्लाई भी बंद है। लोग शेल्टर होम्स में रहने को मजबूर हैं। यहां खाने की चीजें नहीं मिल पा रही हैं। लोगों का कहना है कि मदद मिल रही है लेकिन वह बहुत कम है। एपिसेंटर वाले गाजियांटेप शहर के लोगों का कहना है कि तबाही के 12 घंटे बाद भी उन तक मदद नहीं पहुंची थी। हालांकि, 95 से ज्यादा देशों ने मदद भेजी है।

राहत और बचाव काम में जुटे अधिकारियों के मुताबिक, नूर्दगी में आसपास के गांवों और शहर में बड़ी संख्या में लोगों के मारे जाने की संभावना है। तुर्किए के एक शहर डब्ल्यूपीआर में कई लाशें मिली हैं। बचावकर्मी एक अपार्टमेंट ब्लॉक के एक होल में जाते दिखे और वहां से कई लाशें निकाली गई। करीब 40,000 लोगों के कस्बे डब्ल्यूपीआर में इस दृश्य को अनगिनत बार दोहराया गया।

नूर्दगी के आसपास मुख्य सड़कों पर पुल ढह गए हैं और भूकंप में मस्जिद के गुंबद जमीन पर गिर गए। समृद्ध ग्रामीण शहर के पूरे ब्लॉक बड़े पैमाने पर झटके की चपेट में आए हैं। अधिकारियों ने मृतकों की कोई निश्चित संख्या नहीं बताई है, लेकिन बड़ी संख्या में यहां भूकंप की चपेट में आकर मारे गए हैं। एक स्थानीय निवासी एम्रे ने शहर में एक मुख्य सड़क पर एक ब्लॉक के बगल में इंतजार करते हुए कहा कि ये शांति काफी पीड़ादायक है।

स्थानीय निवासी एम्रे ने आगे कहा, ''चार एंबुलेंस इंतजार कर रही थीं। बचाव दल मलबे में चिल्ला रहे थे और कंबल और स्ट्रेचर तैयार कर रहे थे। बचाव दल ने कई बॉडी को बाहर निकाला। इनमें हमारे परिवार के सदस्य और दोस्त थे। बता दें कि कतर, मलेशिया, स्पेन, कजाकिस्तान, भारत और अन्य देशों के सैकड़ों अंतरराष्ट्रीय बचावकर्ता तुर्किए और सीरिया में मौजूद हैं। वह लगातार राहत और बचाव का काम कर रहे हैं।

दोनों ही मुल्कों में तेज़ी से राहत और बचाव कार्य किया जा रहा है लेकिन भूकंप को अब सौ घंटों से अधिक हो चुका है और मलबे में दबे होने की उम्मीदें कम होती जा रही हैं। इस बीच हज़ारों लोग जो भूकंप से बच गए हैं उनके लिए कड़कड़ाती ठंड नई चुनौतियां पेश कर रही है। यहां रहने की जगह के अलावा, खाने-पीने की चीज़ों की भारी किल्लत हो रही है।

संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेश ने कहा है कि इस आपदा की पूरी तस्वीर अब तक सामने नहीं आ सकी है, ख़ास कर सीरिया में जो बीते कुछ सालों से गृह युद्ध की मार झेल रहा था और पहले से ही बदहाली का सामना कर रहा था। इस बीच विश्व स्वास्थ्य संगठन ने चेतावनी दी है कि अगर आपदा में बचे लोगों तक खाना, पानी, दवाएं और रहने की जगह जैसी मदद "तेज़ी से न पहुंचाई गई" तो दूसरी आपदा आ सकती है।

तुर्की के राष्ट्रपति रिचेप तैय्यप अर्दोआन ने दक्षिणी तुर्की के 10 प्रांतों में तीन महीने का आपातकाल लगा दिया है और इस भूकंप को 'सदी की तबाही' कहा है।

ओस्मानिये प्रांत में राहत और बचाव कार्य का जायज़ा लेने के बाद उन्होंने कहा, "इस भूकंप से बड़े पैमाने पर जानमाल का नुक़सान हुआ है।  इसे सदी की तबाही कहा जा सकता है । हज़ारों लोग राहत और बचाव कार्य में मदद करने के लिए सामने आ रहे हैं। पूरे देश के अलग-अलग हिस्सों से और दूसरे देशों से हर तरह की मदद और गाड़ियां इस इलाक़े में लाई जा रही हैं।"

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