तुर्की सीरिया में एक बार फिर आया भूकंप ,तीन लोगों की मौत
इस ताज़ा भूकंप को झेलने वाले कुछ लोगों से समाचार एजेंसी रॉयटर्स ने बात की. मुना अल-उमर ने कहा, ''ऐसा लग रहा था कि मेरे पैर के नीचे की ज़मीन फट जाएगी.''

तुर्की में सोमवार को एक बार फिर भूकंप आया. इस ताज़ा भूकंप में तीन लोगों की मौत हो गई है और 680 से ज़्यादा लोग घायल हैं। भूकंप की तीव्रता 6.4 थी। भूकंप के झटके सीरिया और तुर्की दोनों जगहों पर महसूस किए गए। तुर्की की आपदा और आपातकाल एजेंसी अफ़ाद ने बताया कि स्थानीय समयानुसार रात 8 बजकर चार मिनट पर भूकंप आया था।
इसका केंद्र हताय प्रांत का अंताक्या शहर है। भूकंप की गहराई 2 किलोमीटर तक रही। इसके बाद आए आफ्टर शॉक्स की तीव्रता 3.4 से 5.8 रही। स्थानीय प्रशासन का कहना है कि कई ऐसी इमारतें गिर गई हैं, जो 6 फरवरी को आए तीन भूकंप से कमजोर पड़ गई थीं। कई लोग मलबे में फंसे हैं। बताया जा रहा है कि मरने वालों का आंकड़ा बढ़ सकता है।
तुर्किये-सीरिया बॉर्डर वाले इलाके में 68 घंटे में 11 भूकंप आए हैं। तुर्किये की अनादोलु समाचार एजेंसी के सरकारी सूत्रों के मुताबिक, 3 जगहों पर खोज और बचाव की कोशिश की जा रही है। सोमवार को आए भूकंप के झटके लेबनान, इजराइल और साइप्रस में भी महसूस किए गए। यूरोपियन मेडिटेरेनियन सीस्मोलॉजिकल सेंटर के मुताबिक, अभी आगे और आफ्टर शॉक्स झेलने पड़ सकते हैं।
अंताक्या के मेयर ने बताया कि इस भूकंप के कारण कुछ और लोग मलबे में फँसे हुए हो सकते हैं। इस ताज़ा भूकंप को झेलने वाले कुछ लोगों से समाचार एजेंसी रॉयटर्स ने बात की। मुना अल-उमर ने कहा, ''ऐसा लग रहा था कि मेरे पैर के नीचे की ज़मीन फट जाएगी.''
इससे पहले 6 फरवरी को आए 3 बड़े भूकंप से तुर्किये और सीरिया में मरने वालों की संख्या 47 हजार से ज्यादा हो चुकी है। राहतकर्मी अब भी हालात को सामान्य बनाने में जुटे हैं। तुर्किये में 41,000 से ज्यादा लोगों की जान जा चुकी है। सीरिया में 5,800 से ज्यादा लोग मारे गए हैं। विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के मुताबिक, दोनों देशों में 2 करोड़ 60 लाख लोगों को मदद की जरूरत है। पिछले 75 साल में पहली बार WHO इतने बड़े लेवल पर रेस्क्यू ऑपरेशन कर रहा है।
वॉशिंगटन पोस्ट की रिपोर्ट के मुताबिक, पिछले दो हफ्ते में तुर्किये के 11 राज्यों में 6,040 आफ्टर शॉक आ चुके हैं। इन इलाकों को डिजास्टर जोन कहा जा रहा है। 6 हजार में से 40 आफ्टर शॉक 5 से 6 तीव्रता के थे। वहीं एक 6.6 तीव्रता का था। तुर्किये की स्थिति इतनी खराब है कि यहां एक लाख से ज्यादा इमारतें नष्ट हो गई हैं। अधिकारी लोगों को इनसे दूर रहने की सलाह दे रहे हैं।
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