हिंसा का शिकार एक लाचार रिक्शा वाला ।
उस रिक्शा वाले की चार साल की बेटी अपने पिता के पैरों पर रोती रही, लेकिन भीड़ उसे छोड़ने को राजी नहीं थी, पुलिस भी पिटते हुए देखते रही,मगर बाद में पुलिस वालों ने उसे बचा लिया,

गृह मंत्री अमित शाह सिर्फ दस दिन पहले ही यूपी गए थे और उन्होंने यूपी लॉ एंड ऑर्डर( low and order) के मामले में सभी प्रांतों में टॉप करने की घोषणा की थी, लेकिन स्याही सूखने से पहले ही कानपुर में उनके दावे । एक भीड़ इकट्ठा हुई और मासूम रिक्शा वाले को पीटाई की - उस रिक्शा वाले की चार साल की बेटी अपने पिता के पैरों पर रोती रही, लेकिन भीड़ उसे छोड़ने को राजी नहीं थी, पुलिस भी पिटते हुए देखते रही, मगर बाद में पुलिस वालों ने उसे बचा लिया, वरना अफसार की जान ही चली जाती। इस बेचारे की गलती बस इतनी थी कि ये मुस्लिम औरत का देवर था, उस के लड़के की बाइक हिन्दू औरत के दरवाजे से टकरा गई दोनों ने थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई । मुस्लिम महिला ने लिखी पिटाई और तोड़फोड़ की रिपोर्ट लेकिन हिंदू महिला ने लगाया आरोप मुस्लिम पड़ोसी लड़के सद्दाम और सलमान जबरदस्ती धर्म बदलने की कोशिश कर रहे हैं । हिन्दू महिला ने सद्दाम और सलमान पर आरोप भी लगाया की लड़की छेड़ रहे हैं ।
जाहिर है इलाके की पुलिस ने उस पर विश्वास नहीं किया और सलमान और सद्दाम पर कोई कार्यवाही नहीं की जिसके बाद महिला बजरंग दिल के दफ्तर पहुंची जो किसी थाने से ज्यादा ताकतवर है । इस हिन्दू महिला ने जैसे ही बजरंग दल थाने (ऑफिस) में रिपोर्ट की, बजरंगी पुलिस वहां से फिसल गई, और धर्म परिवर्तन के आरोप में बेटों को पीट-पीट कर हलाक कर सके संयोग से घर के लड़कों को घर में घुसकर मार डाला जब वो नहीं थे तो भेड़ को इस औरत की देवर मिली तो पिटने लगी, हर दिन एक छोटी सी लड़की पिटने वाले आदमी के पैरों पर लिपटी थी,
भेड़ एक निहत्थे को पीटकर जय श्री राम के नारे लगाने पर मजबूर करना पड़ा । निहत्थों की मार से कितना राम चन्द्र जी का नाम रोशन हुआ और राम जी की छवि कितनी ऊँची हुई । अगर कोई मुस्लिम लड़का होता तो उस पर जिहाद का आरोप लग जाता । वास्तव में झूठे प्रचार के आधार पर भाजपा सरकार ने ऐसा किया । एक तरफा कानून बन गया है कि कोई भी थाने में जाकर किसी मुस्लिम पर आरोप लगा दे कि धर्म बदलने की कोशिश कर रहा है पुलिस पहले इस मुस्लिम को गिरफ्तार कर जांच करेगी और अगर पुलिस धर्म बदलने की कोशिश कर रही है तो थोड़ी सी उपेक्षा कर लूँ तो बजरंग दल, भाजपा, हिन्दू परिषद, हिन्दूसेना या राम सेना नाम का कोई संगठन इस मामले में हस्तक्षेप करके मुस्लिम को मार देगा और मुस्लिम परिवार को हिन्दू बनाने के लिए मजबूर कर देगा तो वो काम होगा । घर वापसी का खिताब दिया जाएगा कानपुर में जो हुआ वह अब किसी भी मज़हब के साथ हो सकता है ईसाई, मुस्लिम या सिख के साथ हो सकता है, इसलिए मुस्लिमों पर जिहाद और धर्म परिवर्तन दोनों का आरोप है जबकि सिखों पर खालिस्तान समर्थक होने का आरोप है । मैं किसी धारणा के आधार पर यह नहीं कह रहा हूँ कि मार्च महीने में केरल के ईसाई साधुओं पर आरोप लगाने वाले हिंदू घाटी संगठन का इलाज आपको याद होगा, इस मामले में दो लोगों को गिरफ्तार किया गया था लेकिन तुरंत रिहा किया गया था , कानपुर मामले में तीन लोग गिरफ्तार किया गया , लेकिन बजरंग दल के लोगों ने डीसीपी का घर घेर लिया और साथियों को रिहा करवा कर रहा। बजरंग दल वालो ने अपने आदमियों को रिहा करके साबित कर दिया की वो असली पुलिस वाले है । खाकी वर्दी में घूमने वाली पुलिस सिर्फ उनके नीचे है मतलब बजरंग दल के किसी सदस्य पर मुकदमा नहीं चलेगा लेकिन शायद अबसर जेल जाएगा । समझ गया? पता नहीं कब तक भाजपा सरकार देश को नफरत की आग में झोंकने वाले इन फासीवादी तत्वों को प्रोत्साहित करती रहेगी और कब तक निहत्थे लोग सड़कों पर उतरते रहेंगे?
दिल्ली के जंतर मंतर पर एक रैली के दौरान तथाकथित राम भक्तों द्वारा लगाए गए नारे सुनकर हर वह भारतीय छुब्द है जो राम जी के जीवन से परिचित है । असल बात तो यह है की यह सब देख कर लगता है कि जिन लोगों ने जंतर-मंतर पर मुसलमानों को काटे जाने और हत्या के डर से उन्हें जय श्री राम कहने पर मजबूर करने के अपने इरादों को ज़ाहिर किया है उन्होंने रामजी को हत्यारों और ठगों का देवता बनाने की कोशिश की है ।
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