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हिन्दुस्तान अखबार के लखनऊ संस्करण के छायाकार सुधांशु की जांबाज़ी ने साबित कर दिया

मुख्यधारा की ब्रांड मीडिया का दामन गोदी मीडिया की तोहमतों से दाग़दार है और अजीत अंजुम निष्पक्ष, निडर, बेदाग और ईमानदार पत्रकार हैं।

अगर कोई फिल्मी दुनिया के व्यवसाय में है तो किसी भी तरह सुर्खियों में बने रहना उसकी जरूरत होती है, वह सुर्खियां उसके लिए नकारात्मक हों या सकारात्मक। फिल्म बाजार को सिर्फ इतने से मतलब होता है कि फलां व्यक्ति यानी पुरुष या स्त्री बड़े दायरे में चर्चा का मुद्दा है। इसलिए चर्चा और सुर्खियों में होना एक मार्केटिंग का टूल है और उसमें सारे सोचने-समझने वालों को फंसा लेना उसकी कामयाबी का एक अहम सूचक। इस तरह फिल्म कॅरियर के लिहाज से स्वरा का यह प्रोजेक्ट कामयाब रहा।

इस घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है। वीडियो में साफ देखा जा सकता है कि युवक को भगवाधारी कुछ लोग लोग बेरहमी से एक युवक को पीटते हुए अपशब्द भी कह रहे है. साथ ही उसके थैले से सामान निकाल कर बाहर फेंका जा रहा है और एक सख्स वहां मौजूद दूसरे लोगो से उसे लूट लेना का कह रहा

उस रिक्शा वाले की चार साल की बेटी अपने पिता के पैरों पर रोती रही, लेकिन भीड़ उसे छोड़ने को राजी नहीं थी, पुलिस भी पिटते हुए देखते रही,मगर बाद में पुलिस वालों ने उसे बचा लिया,

आज हिंदुओं के एक वर्ग ने श्री राम की छवि को कुछ ऐसा बना दिया है जैसे श्री़ राम कोई आदर्श देवता या अवतार नहीं बल्कि उत्पीड़न करने वालों के नेता हैं। आज खुद को हिंदू कहने वाले एक वर्ग ने राम जी के नाम को मार काट के लिए इस्तेमाल करना शुरू कर दिया है।रामचंद्र जी के नाम को कुछ लोग हत्या और आतंक का प्रतीक बनाने पर उतारू हैं । जिन लोगों ने रामचंद्र जी के बारे में पढ़ा या सुना वह यह सब देख कर काफ़ी हैरान हैं।

लखनऊ में कैब ड्राइवर के साथ हिंसा करने वाली लड़की प्रियदर्शनी ने जो हरकत की उसकी जितनी निंदा की जाए कम है।