अगर कोई फिल्मी दुनिया के व्यवसाय में है तो किसी भी तरह सुर्खियों में बने रहना उसकी जरूरत होती है, वह सुर्खियां उसके लिए नकारात्मक हों या सकारात्मक। फिल्म बाजार को सिर्फ इतने से मतलब होता है कि फलां व्यक्ति यानी पुरुष या स्त्री बड़े दायरे में चर्चा का मुद्दा है। इसलिए चर्चा और सुर्खियों में होना एक मार्केटिंग का टूल है और उसमें सारे सोचने-समझने वालों को फंसा लेना उसकी कामयाबी का एक अहम सूचक। इस तरह फिल्म कॅरियर के लिहाज से स्वरा का यह प्रोजेक्ट कामयाब रहा।